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मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनोज जरांगे पाटील से अपील की है कि वे अपनी जिद छोड़ दे। मराठा समाज को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास कर दिया है और उसका लाभ भी जल्द ही मिलने लगेगा। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मराठा समाज को आरक्षण देते वक्त अन्य समाज के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। सरकार ने ओबीसी के आरक्षण को बरकरार रखते हुए मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण दिया है, इसलिए ओबीसी समुदाय में संतुष्टि और मराठा समुदाय में खुशी व्यक्त की जा रही है। ऐसे में मनोज जरांगे पाटिल को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया है, इसलिए किसी को भी ऐसा विरोध नहीं करना चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी हो। इस बारे में जरांगे पाटील को भी अवगत करा दिया है इसलिए अब उन्हें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।
दूसरी ओर, मनोज जरांगे पाटील ने आंदोलन में मामूली बदलाव किया है। शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि 12वीं की परीक्षा को देखते हुए 24 फरवरी से रास्ता रोको आंदोलन के समय में बदलाव किया है। पहले यह आंदोलन सुबह 10.30 से दोपहर 1 बजे तक होने वाला था लेकिन अब 11 बजे से 1 बजे के बीच होगा। आंदोलन के दौरान राज्य भर में रास्ता रोको किया जाएगा। उसके बाद 25 तारीख से कुछ दिनों के लिए रास्ता रोको आंदोलन को धरना आंदोलन में तब्दील कर दिया जाएगा, जिससे परीक्षा व अन्य कार्यों में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 3 मार्च को रास्ता रोको आंदोलन किया जाएगा। राज्य भर के प्रत्येक जिले में एक ही जगह यह आंदोलन होगा।
मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे मनोज जरांगे पाटील ने बॉम्बे हाई कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करेगे। पाटील ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को यह आश्वासन दिया। हाई कोर्ट में पाटील के आंदोलन के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह याचिका एक्टिविस्ट गुणरत्न सदावर्ते ने दायर की है। शुक्रवार को जस्टिस अजय गडकरी की बेंच के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। इस दौरान पाटील के वकील वीएम थोरात ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोर्ट के नाम पर कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता बिरेंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया है। इसके बावजूद पाटील लोगों से आंदोलन करने की अपील कर रहे हैं। इससे कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। इस पर जब बेंच ने पाटिल के वकील से आंदोलन के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करेंगे। इसके बाद बेंच ने 26 फरवरी तक के लिए याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।महाराष्ट्र विधान मंडल ने जब से 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण को मंजूर किया है, तब से मराठा आंदोलन में फूट सामने आ रही है। जरांगे के साथ काम करने वाली संगीता वानखेड़े ने आंदोलन के पीछे शरद पवार के खड़े होने का आरोप लगाया है। संगीता वानखेड़े ने कहा कि आंदोलन के दौरान जरांगे के पास शरद पवार का फोन आ रहा था। शरद पवार जैसा बोलते हैं, वैसा ही जरांगे पाटील करते हैं। पुणे शहर में एनसीपी पदाधिकारियों ने मनोज जरांगे के बैनर लगाए थे। इससे पहले जरांगे के भरोसेमंद साथी अजय बारस्कर ने भी जरांगे को घेरा था कि वह लोगों को धोखा दे रहे हैं। इधर, जरांगे का कहना है कि सरकार उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है।
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