Breaking News
पत्रकारों के अपमान पर, पत्रकार जगत में आक्रोश
मेट्रो दिनांक संवाददाता
मुंबई : आए दिन कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े नेता चाहे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हो, चाहे राहुल गांधी, चाहे प्रियंका गांधी हो सभी सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेताओं पर तानाशाही और सत्ता पाकर अहंकारी होने का आरोप लगाती रहती है। कई बार अपने बयान को प्रमाण देकर साबित कर पाते हैं तो कभी केवल आरोप - प्रत्यारोप का खेल देखने मिलता है। परंतु सत्ताधारी पार्टी भाजपा के एक नेता के अहंकारी बोल तो स्वयं मेट्रो दिनांक ने देख लिया। अब जब मेट्रो दिनांक ने स्वयं घमंडी भाजपा नेता के बोल सुने हैं तो प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत है तों बताते हैं कौन है यह घमंडी नेता और उनके किस वक्तव्य में हमें अहंकार दिखा है।
जी हां हम बात कर रहे हैं, भाजपा के उत्तर मुंबई जिला कार्यालय में मीडिया पीआरओ पद पर कार्य कर रही भाजपा नेता - नीला सोनी राठौड़ की भाजपा नेता ने केवल सत्ता के घमंड में चूर होकर पत्रकारों का अपमान कर दिया है। बता दें कि भाजपा -शिवसेना -एनसीपी -आरपीआई महायुति ने उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को अपना उम्मीदवार घोषित किया।
जबसे उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू किया तब मेट्रो दिनांक समाचार पत्र के माध्यम से हमेशा हमने हर अच्छी बुरी खबरों का अपने दर्शकों को दिखाया है। न्यूज़ पर हमने किसी एक नेता को चमकाने की पत्रकारिता नहीं की है। हम सिर्फ सच्चाई और खबरों को दोनों पक्षों से कवर कर के बिना किसी लाग लपेट के प्रस्तुत करते हैं और इसी चुनाव प्रचार के कवरेज करने के दौरान कल 10 मई 2024 को मेट्रो दिनांक समाचार पत्र के मुद्रक प्रकाशक मंजू तिवारी व प्रधान संपादक दीनानाथ तिवारी, भाजपा प्रत्याशी पीयूष गोयल के कांदिवली पश्चिम स्थित उत्तर मुंबई जिला कार्यालय के मीडिया विभाग में पहुंचे, जहां उन्होंने अभिवादन करते हुए अपने अखबार की कॉपी वहां बैठी मीडिया प्रभारी व भाजपा नेता नीला सोनी राठौड़ को दिया।
अखबार का नाम पढ़ते ही भाजपा नेता नीला सोनी राठौड़ ने प्रधान संपादक दीनानाथ तिवारी को कहा कि “आप अपने अखबार और चैनल पर जो भी न्यूज़ दिखाते हैं, उसमें ज्यादातर आप गोपाल शेट्टी का फोटो स्टेटमेंट क्यों डालते हैं “ जिस पर श्री तिवारी ने कहा कि “पत्रकारों द्वारा मिले हुए बाइट और फोटोग्राफ्स पर खबर बनाते हैं”। इस पर इन घमंडी नेता ने रुवाबी ढंग में कहा कि “मैं जो कहूँगी वही डालना है”। इतना सुनने के बावजूद भी दीनानाथ तिवारी ने महिला का सम्मान करते हुए कहा कि “ठीक है मैडम अब प्रेस नोट का फोटो भेज देंगे,हमें जो हमारे अखबार के लिए उचित लगेगा, हम उसे ही प्रकाशित कर सकेंगे”
श्री तिवारी के एकटूक जवाब से चिढ़कर नीला सोनी राठौड़ ने अपना घमंड से भरा स्वरूप दिखाते हुए कहा कि “लगता है कि आप मुझे पहचान नहीं रहे हो, मैं वहीं भाजपा नेता हूं जिसको आप पत्रकार लोग ने राम नाई के कार्यक्रम में कुर्सी से उठा दिया था और अब देखो मैं उस कुर्सी पर बैठी हूं जहां आके सब मीडिया वाले सलामी देकर मदद माँगते है और मेरे इशारे पर नाचते हैं”।अपने पाठको को हम श्री राम नाईक के कार्यक्रम की एक घटना नीचे बतलाते हैं पहले आते हैं वर्तमान की घटना पर ताकि हमारे पाठको को पता चले कि हम क्यों इन भाजपा नेता को घमंडी कहाँ है।
नीला सोनी राठौड़ की यह बोलने के बाद भी कि पत्रकारों उन्हें सलामी देते हैं और उनके इशारों पर नाचते हैं और पत्रकारों के लिए अपमानजनक शब्द सुनकर भी श्री तिवारी ने महिला होने के नाते उनके मुंह ना लगते हुए उनके आला नेताओं पीयूष गोयल और गोपाल शेट्टी को शिकायत करने की बात कही। इन मैडम ने अपने घमंडी स्वभाव को पूर्णता रूप से दिखाते हुए कहा कि “जाओ जिससे मेरी शिकायत करनी है कर दो मैं नहीं डरती किसी से और गोपाल शक्ति से भी पूछ लेना कि एक बार मेरा उनका भी मैटर हुआ है, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता है।” इन्होंने अपने घमंड का परिचय देते हुए ना ही अपने ही पार्टी के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी के लिए अपमानजनक शब्द कहाँ बल्कि पत्रकारों का भी अपमान कर दिया।
अब बताते हैं कि क्या है राम नाईक के कार्यक्रम की घटना, 17 अप्रैल 2024 को उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल व भाजपा के वरिष्ठ नेता राम नाईक के 90 वर्ष पूर्ति और उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित होने के अवसर पर नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कवरेज के लिए सभी मीडिया वालों को आमंत्रण देकर कार्यक्रम में बुलाया गया जिसमें मेट्रो दिनांक को भी ईमेल और कॉल करके आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधान संपादक दीनानाथ तिवारी भी पहुंचे थे। श्री तिवारी मीडिया वालों के लिए आरक्षित एक सीट पर अपना रिपोर्टिंग का सामान में कैमरा, लाइट और माइक था वे उसे सुरक्षित रख के फोटो खींचने आगे गए। परंतु जब वापस आए तो देखा कि यही मैडम भाजपा नेता नीला सोनी राठौड ने सभी सामान का बैग उठाकर असुरक्षित रूप से रास्ते में रख दिया और खुद सीट पर बैठ गई थी। अब अपने कीमती का नुकसान होता देख श्री तिवारी ने उनसे कहा कि “अगर आपको बैठना भी है तो कम से कम सामान ठीक से नीचे रख देते। इसमें मेरे कीमती सामान का नुकसान भी हो सकता था।” इस पर यह मैडम बहस करने को उतारू हो गई और कहने लगी कि “क्या आप सब का रिजर्वेशन है ?” जिसे सुनकर सभी पत्रकारों को बुरा लगा और आक्रोशित होकर वहां मौजूद सभी पत्रकारों ने मैडम को मीडिया वालों के लिए आरक्षित कुर्सी छोड़कर नेताओं के ख़ाली सोफा पर बैठने के लिए कहाँ, मैडम ने वह जगह तो छोड़ दिया, परंतु उसका बदला भी आज भी पत्रकारों का अपमान करके ले रही हैं।
अब हमारा कहना है कि पत्रकारों ने अगर आपको अपने लिए कुर्सियों को छोड़ने के लिए ही कहा तो क्या गलत कहा आप नेताओं के लिए वहां सोफा खाली तो पढ़ा ही हुआ था। अब या तो आप को कुर्सी से कुछ ज्यादा ही प्यार है जो आप हर किसी की आरक्षित कुर्सियों को भी छिनना चाहती हैं। एक पत्रकार कई घंटे रिपोर्टिंग करने के चक्कर में खड़ा रहता है और आप उनके लिए आरक्षित कुर्सियों पर भी कब्जा करने पहुंच गई।
नीला सोनी राठौड़ जी अब मेट्रो दिनांक के पटल पर हम कहना चाहते हैं कि 10 मई 2024 को आपने जो पत्रकारों के लिए अपमानजनक शब्द कहे हैं, उस दिन आपको मुंह से जवाब ना देकर अब हमारी कलम आपको जवाब देगी। अगर आपने यह कहावत सुनी नहीं है तो सुन लीजिए- ‘सब दिन होत एक समाना’ अर्थात जैसे सब दिन एक समान नहीं होता, उसी प्रकार आपका अहंकार भी चकनाचूर होगा और अब हम अपने चैनल के माध्यम से आपका घमंडी चेहरा जनता के सामने बेनकाब करेंगे। अपने पाठको को हम बता दें कि कई लोगों का यह भी कहना है जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी में हमेशा ऐसे नेता आए हैं जो संघ की विचारधारा के साथ आते हैं और अपने बड़े नेताओं की हमेशा इज्जत मान सम्मान करते हैं, परंतु जब से भाजपा की सरकार आई है और सभी को अब भाजपा का दामन थामना है तो संघ की विचारधारा मानो पार्टी से लुप्त सी हो गई है।
एक आहत हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर इतना तक कह डाला है कि “भाजपा में भी अब कई गुट बन गए हैं और कई नेता कुछ विपक्षी पार्टी से ऐसे भी आए हैं जो डीलिंग करके आए हैं कि ऐसे बयान देने हैं जिससे विवाद खड़ा हो और विपक्ष को मौका मिले भाजपा को घेर का आरोप लगाने का”, नेताओं के गुटबाजी से पुराने भाजपा नेता भी नाराज हैं और अपना दुखड़ा भी किसी से नहीं कह पा रहे हैं।
हम इस खबर के माध्यम से नेता मैडम आपसे कहना चाहते हैं कि मेट्रो दिनांक आपके भाजपा के आईटी सेल का कार्यालय नहीं है और हम पत्रकार आपके कर्मचारी और नौकर नहीं है जो आप के इशारे पर खबर चलाएंगे। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और समाज का दर्पण है। हम पत्रकार बिना किसी स्वार्थ के सच खबरें प्रकाशित करते हैं ताकि जनता को सच्चाई पता चलती रहे और यही लोकतंत्र का एक आधार है। हम पत्रकार आपके मुताबिक खबरें नहीं चलाएंगे। हम मेट्रो दिनांक में वही खबरें दिखाते हैं जो सच होता है और हम खबरें बिना किसी लाग लपेट के या बिना किसी शुगर कोटिंग के चलाते हैं और आगे भी करते रहेंगे। नेता मैडम आपने हमारे संपादक को विपक्षी खबरें नहीं चलाने को कहा पर आप के कहने पर हम विपक्ष की खबरें क्यों न प्रकाशित करें। क्या हम आपके पे-रोल पर काम कर रहे हैं? अगर हम आपके पार्टी की खबरें चलाएंगे तो विपक्ष की भी आवाज उठाएंगे। हमारे लिए सत्तापक्ष और विपक्ष एक समान है और कोई भी मीडिया की स्वतंत्रता नहीं छीन सकता है।
अब सवाल आता है कि ऐसे घमंडी नेता के अपमानजनक शब्दों पर इनके आला नेता पीयूष गोयल क्या कार्रवाई करते हैं ? क्योंकि ऐसे नेता जो अपने पार्टी के वरिष्ठ नेता व क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी के लिए भी गलत शब्दों का प्रयोग कर ले और तो और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का भी अपमान कर दे उसके ऊपर यथा उचित कार्रवाई तो होनी ही चाहिए।
हम मेट्रो दिनांक के माध्यम से यह भी कहना चाहते हैं कि पत्रकारों के लिए इस अपमानजनक शब्द के विरुद्ध हमने अपनी लड़ाई शुरू कर दी है और जल्दी राष्ट्रीय पत्रकार संघ के सभी नेशनल ओर रीजनल मीडिया के पत्रकारों सहित भारतीय जनता पार्टी के सामने इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Metro Dinank News
Metro Dinank