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मुंबई: मराठा आंदोलनकारी कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर लगाए गए आरोपों का असर दूसरे दिन भी विधानमंडल के बजट सत्र में देखने को मिला। विधान परिषद और विधानसभा में जरांगे का मुद्दा उठाया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने जरांगे पाटील के समूचे आंदोलन की एसआईटी से जांच कराने का निर्देश सरकार को दिया। वहीं, विधान परिषद में बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने आरोप लगाया कि शरद पवार, जालना विधायक राजेश टोपे और रोहित पवार सहित एनसीपी शरद पवार गुट के नेताओं ने जरांगे के साथ बैठक की और सुनिश्चित किया कि कार्यकर्ता राज्य में अशांति पैदा करें।
मंगलवार को बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटील ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जो आरोप लगाए हैं, वे काफी गंभीर हैं। जरांगे महाराष्ट्र को जलाने की बात कह रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाएं न होने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसकी फैक्ट्री में बैठकें हुईं, जेसीबी किसकी फैक्ट्री से आई? उस फैक्ट्री में पत्थर कहां से आए? इन बातों की एसआईटी जांच होनी चाहिए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मनोज जारंगे पाटील के आंदोलन की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए। एसआईटी जांच के निर्देश दिए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि एसआईटी जांच करेगी कि जरांगे किसकी 'स्क्रिप्ट' बोल रहे हैं। जरांगे ने मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, लेकिन पूरा मराठा समाज मेरा समर्थन करता है।
विधानसभा में मराठा आरक्षण आंदोलन की एसआईटी जांच कराए जाने की घोषणा के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील ने एसआईटी जांच की घोषणा का स्वागत तो किया, साथ ही चुनौती दी कि एसआईटी जांच में मंत्रियों की भी जांच की जाए।
जरांगे पाटील ने अपने गांव में कहा कि मुझे किसी जांच का या किसी भी बात का कोई डर नहीं है। मैं चाहता हूं कि जांच हो तो पूरी हो, अधूरी जांच नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पहले से अंदेशा था कि सरकार उन्हें फंसाने के लिए जरूर कोई दांव खेलेगी। मैंने परसों ही इस बारे में अपने समाज के लोगों को संकेत दिया था।
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