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मुंबई : मुंबई मनपा प्रशासन ने महालक्ष्मी और गोराई कचरा संकलन केंद्र पर जमा होने वाले कचरे से मनपा पेवर ब्लॉक और टाइल्स तैयार करेगी। महालक्ष्मी पर 650 मीट्रिक टन और गोराई में 350 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन इकट्ठा होता है। इन केंद्रों पर मनपा बायोगैस निर्माण की भी योजना बना रही है। मनपा कचरा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन केंद्रों का कायापलट करने की तैयारी है।
यहां सूखा और गीला कचरा अलग अलग इकट्ठा किया जाता है। हमारी योजना है कि जल्द ही यहां कचरे से पेवर ब्लॉक और टाइल्स बनाई जायेगी। मनपा ने कचरे से टाइल्स और पेवर ब्लॉक बनाने के लिए टेंडर मंगाया है। कचरे का इस्तेमाल वस्तु बनाने में किए जाने से कचरे को डंपिंग ग्राउंड में फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मनपा ने इन दो स्थानों पर गीले कचरे से बायोगैस बनाने की भी योजना तैयार की है।
बता दें कि मुंबई में प्रतिदिन 6000 मीट्रिक टन से अधिक कचरा जमा होता है। उसमें से करीब 2000 टन से अधिक कचरा इन दो केंद्रों से डंपिंग ग्राउंड पर जाता है। मनपा अधिकारी ने बताया कि महालक्ष्मी और गोराई कचरा संकलन सेंटर पर प्रोसेस कर पेवर ब्लॉक और टाइल्स बनाने की योजना सफल रही तो अन्य संकलन केंद्रों पर भी यह शुरू किया जाएगा ।
मनपा ने 20 हजार वर्ग मीटर से बड़ी अथवा 100 किलो से ज्यादा कचरा पैदा करने वाली सोसायटियों को वर्ष 2017 में उसी स्थान पर कचरा का निपटान करने का निर्देश दिया था। लेकिन पिछले 4 साल से यह प्रक्रिया बंद है।
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