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मुंबई: जोगेश्वरी पूर्व में सुप्रीमो क्लब निर्माण में नियमों का दुरुपयोग कर निर्माण किए जाने और हॉटेल बनाए जाने के मामले में उद्धव गुट के विधायक रवींद्र वायकर को राहत मिलने की संभावना है। मनपा ने वायकर के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की तैयारी दिखाई है। इस त रह का मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश किया है पूर्व राज्य मंत्री और ठाकरे गुट के नेता रविंद्र वायकर के जोगेश्वरी पूर्व में सुप्रीमो क्लब पर बने होटल निर्माण के समय तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया था।
वायकर को अब इस मामले में राहत मिलने की संभावना है।मनपा ने वायकर प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की तैयार दिखाई है। मनपा ने इस तरह का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया है। मनपा प्रशासन वायकर के मामले में सावधानी पूर्वक रवैया अपनाया है जिससे अब कोर्ट की लड़ाई में वायकर के खिलाफ मामला जाएगा इसको लेकर शंका व्यक्त की जाने लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की आगे की सुनवाई 26 फरवरी को रखा है। बता दे कि वायकर ने जोगेश्वरी में आरक्षित भूमि पर पांच सितारा होटल का निर्माण किया है इस तरह का आरोप भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने 2022 में किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि हॉटेल निर्माण के दौरान तथ्यों को दबाया था और गलत हलफनामा दायर करने का आरोप लगाया था।
जिसके चलते मनपा ने हॉटेल निर्माण को लेकर दी गई मंजूरी रद्द कर दी थी जिसको लेकर वायकर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में ईडी ने वायकर के घर समेत सात जगहों पर छापेमारी भी की थी। वायकर के खिलाफ मुंबई पुलिस की वित्तीय अपराध शाखा द्वारा भी सितंबर माह में मामला दर्ज किया गया था. उसी अपराध के आधार पर मामले की जांच ईडी कर रही है। मनपा द्वारा होटल निर्माण को लेकर दी गई मंजूरी रद्द करने के खिलाफ वायकर ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन हाईकोर्ट ने मनपा की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए वायकर की याचिका को खारिज कर दिया था। अब तक मनपा प्रशासन वायकर के खिलाफ भूमिका रखने वाली मनपा अचानक सुप्रीम कोर्ट में वायकर के साथ दिख रही है। वायकर के प्रस्ताव पर मनपा ने पुनर्विचार करने की इच्छा दिखाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। कोर्ट अब क्या रुख अपनाता है यह 26 फ़रवरी की सुनवाई में दिखाई देगा।
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