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मुंबई : मनपा प्रशासन ने झोपड़ पट्टी से निकलने वाले कचरे उठाने के लिए ई रिक्शा का उपयोग करने का निर्णय लिया है। मनपा का कहना है कि ई रिक्शा झोपड़ पट्टी के गलियों तक रिक्शा का सकेगी। ई रिक्शा का उपयोग कचरा उठाने के लिए किए जाने से पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा। बता दे कि झोपड़ पट्टी से निकलने वाले कचरे को मनपा ने लोगो के घरों से ही उठाने का निर्णय लिया है। मनपा ने 4 साल के लिए डेढ़ हजार करोड़ का टेंडर निकाला है ।
झोपड़ पट्टी से निकलने वाले कचरे में गीला और सूखा कचरा अलग अलग उठाने के लिए मनपा ने घर घर से कचरा लेने का निर्णय लिया है। लोगो को गिला और सूखा कचरा अलग अलग रखने के लिए दो प्रकार के डिब्बे भी मनपा मुहैया कराएगी। मनपा का मानना है कि इससे डंपिंग ग्राउंड पर जाने वाले कचरे में कमी आएगी।इतना ही नही मुंबई से कचरे का प्रमाण घटेगा। मनपा ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 'ई-ऑटो रिक्शा' के इस्तेमाल 'एम ईस्ट' वार्ड में विकल्प के रूप में किया जा रहा है। जल्द ही डी वार्ड में भी ई रिक्शा का उपयोग किया जाएगा। मनपा जी दक्षिण वार्ड में इस तरह का उपयोग पहले से ही किया गया था लेकिन उस समय मनपा को ई रिक्शा सी एस आर फंड से मिला था। मनपा अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे ने कहा कि एम और डी वार्ड में सफल प्रयोग होने पर मुंबई के सभी वार्डो में झोपड़ पट्टी इलाको से कचरा उठाने के लिए ई रिक्शा का उपयोग होगा। ई रिक्शा का उपयोग झोपड़ पट्टी के गालीयो में होने से झोपड़ पट्टी से कचरा उठाने की समस्या दूर होगी।
ई-वाहनों से कोई प्रदूषण नहीं फैलता। इसके अलावा रिक्शा बैटरी से चलने के कारण इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग किया जाता है जिससे इन वाहनों से कोई ईंधन दहन प्रक्रिया नहीं होती है। परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग में आसान विकल्प है। साथ ही इन वाहनों से कोई शोर भी उत्पन्न नहीं होता है। मोटर के रखरखाव और मरम्मत की लागत पारंपरिक इंजनों की तुलना में कम है। इसी लिए ई ऑटो रिक्शा का उपयोग होना अधिक उपयोगी है।
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