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मीरा भाईंदर : मीरा भाईंदर सेंट्रल युनिट की क्राइम ब्रांच सेल नंबर १ ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है जो राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कंपनियों के ट्रक, आयशर टेम्पो और अन्य वाहनों को चुराता था और उन्हें फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच देता था। मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे ने जानकारी दी है कि 47 वाहन जिनकी कीमत ७,३२,४१,००० बतायी जा रही है। इस मामले मे ४ अपराधी पुलीस के हाथ चढे है और भी आरोपी इस गिरोह मे होणे की आशंका पुलीस ने जतायी है।
राष्ट्रीय स्तर पर वाहन चोरी करने वाले गिरफ्तार हुए हैं। चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और ४७ वाहनों को जब्त किया गया है। ये चोरी करने वाले विभिन्न कंपनियों के ट्रक, टेम्पो और अन्य वाहनों को चोरी करके उनके विक्रेताओं को बनावटी कागजात और कागदपतत्रो के साथ बेचते थे। पिछले गाडी चोरी के मामले को देखते मीरा भाईंदर वसई विरार पुलीस आयुक्त मधुकर पांडे द्वारा क्राईम युनिट १ को यह काम सौपा था। इस युनिट के अधिकारी प्रशांत गांगुर्डे को जांच मे एक आरोपी का पता चला और उसके पास से और आरोपीयो का मालूमत मिळते उन्हे दबोचा गया।
जांच के दौरान आरोपियों ने सबसे पहले झूठे दस्तावेजों के आधार पर ट्रेनों को अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड आदि राज्यों में भेजा, जबकि वे अस्तित्व में ही नहीं थे. राज्यों में विभिन्न आरटीओ कार्यालय में कारों का पंजीकरण कराने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर व अन्य दस्तावेज प्राप्त कर लिए गए। संबंधित आरटीओ ने कहा कि उन दस्तावेजों के आधार पर, उक्त वाहनों को महाराष्ट्र राज्य में फिर से पंजीकृत किया जाना है। कार्यालय ऑनलाइन एनओसी प्राप्त फिर दस्तावेजों पर उल्लिखित मेक और मॉडल के साथ विभिन्न राज्यों से कारें चुराई गईं। महाराष्ट्र के आरटीओ ने चोरी की कारों के मूल इंजन नंबर, चेसिस नंबर और अन्य पहचान नंबर मिटाकर फर्जी दस्तावेजों पर इंजन और चेसिस नंबर प्रिंट कर लिए। दोबारा रजिस्ट्रेशन कराया और उन कारों को दूसरे लोगों को बेच दिया ।
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