वाराणसी(राजा शर्मा)। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म करने में सरकार जुटी है। मगर बनारस जिला पंचायत में भ्रष्टाचार इतनी गहरी पैठ जमा चुका है कि बिना लेन-देन के एक फाइल आगे नहीं बढ़ती। भ्रष्टाचार से जुड़ा ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कमीशन नहीं देने पर लाखों का भुगतान रोके जाने का मामला सामने आया है। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप है।
वीडियो में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी सुधीर कुमार के सामने एक लिपिक एवं ठेकेदार के बीच कमीशन की बात हो रही है। करीब छह मिनट के इस वीडियो में ठेकेदार लगातार कह रहा है कि मेरा भुगतान कराइए और अपना कमीशन ले लीजिए। प्रशासनिक अधिकारी के सामने भ्रष्टाचार की खुलेआम बातचीत होने का यह वीडियो जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र के पास भी पहुंचा है। बकौल जिलाधिकारी, जांच करायी जा रही है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
पिछले कई महीने से भुगतान के लिए दौड़ लगा रहे ठेकेदार ने जिला पंचायत के अफसरों-कर्मचारियों के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए खुद ही वीडियो बना डाला। वीडियो में ठेकेदार कह रहा है कि उसने 4.41 लाख रुपए का काम कराया था। मगर भुगतान नहीं किया गया। अपर मुख्य अधिकारी से लगायत अभियंता एवं लिपिक से गुहार लगायी। मगर कोई न कोई बहाना बनाकर उसे टरका दिया। बाद में ठेकेदार ने यह वीडियो जिला पंचायत सदस्यों से लगायत शासन-प्रशासन के अधिकारियों के बीच वायरल कर दिया। जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी सुधीर कुमार का कहना है कि मुझे नहीं पता कि कौन सा वीडियो वायरल हुआ है। किसी ने फर्जी वीडियो बनाया होगा आरोप पूरी तरह से झूठा है। तो वही जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर का कहना है कि मैं आज ही बाहर से आयी हूं। सदस्यों के माध्यम से वायरल वीडियो का मामला संज्ञान में आया है। तमाम फाइलें रोकने की शिकायत भी मिली है। दस माह से टेंडर तक नहीं कराया जा रहा है। इस संबंध में पंचायती राजमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री से भी शिकायत की जाएगी। साथ ही मामले की जांच करायी जाएगी।
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